नई दिल्ली। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ की असरदार टैगलाइन के साथ देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देने वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC ) की स्थापना 64 साल पहले एक सितंबर के दिन ही की गई थी। 1 सितंबर, 2020 को आज यह अपने अस्तित्व के 65 वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी LIC ने वित्त वर्ष 2019-20 में रिकॉर्ड 2.19 करोड़ नयी बीमा पॉलिसी बेची। यह पिछले छह साल में सबसे अधिक संख्या है।
वित्त वर्ष के अंत में कोविड-19 संकट आने के बावजूद कंपनी ने यह कीर्तिमान स्थापित किया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि 2019-20 के दौरान उसने नयी पॉलिसी पर प्राप्त होने वाले प्रीमियम के आधार पर ‘नए कारोबार’ में 25.17 फीसद की वृद्धि दर्ज की है। 31 मार्च 2020 तक कंपनी को इस मद में 1.78 लाख करोड़ रुपये का नया प्रीमियम प्राप्त हुआ। इस दौरान कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 68.74 फीसद रही।
वर्ष 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरुआती निवेश से शुरू हुई एलआईसी का परिसंपत्ति आधार 31,96,214.81 करोड़ रुपये का है। साथ ही इसी अवधि में निगम ने क्लेम सेटलमेंट (दावों के निपटान) के तहत कुल 159,770.32 करोड़ रुपए का भुगतान पॉलिसीधारकों को किया। इसके तहत कुल 215.98 लाख दावों का सेटलमेंट किया गया।
LIC का कारोबार
एलआईसी की ढेर सारी सब्सिडियरी में भी योगदान रहा है। इसमें प्रमुख रूप से एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस, एलआईसी पेंशन फंड, एलआईसी म्यूचुअल फंड, एलआईसी कार्ड सर्विसेस, आईडीबीआई बैंक, एलआईसी एचएफएल केयर होम आदि हैं।
5 करोड़ रुपए की पूंजी से शुरुआत
एलआईसी की शुरुआत 1956 में 5 करोड़ रुपए की पूंजी से हुई थी। आज इसकी संपत्ति 31.96 लाख करोड़ रुपए के हैं। एलआईसी के पास इस समय 8 जोनल कार्यालय, 113 विभागीय कार्यालय, 74 कस्टमर जोन, 2048 शाखाएं, 1,526 सेटेलाइट ऑफिस, 3,354 लाइफ प्लस ऑफिस और 31,556 प्रीमियम प्वाइंट्स हैं। इसके पास एक लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं। निगम के पास 12.08 लाख एजेंट हैं और 28.92 करोड़ से ज्यादा पॉलिसीज हैं। अगर भारतीय बाजार की लिस्टेड कंपनियों का वैल्यूएशन देखें तो 152 लाख करोड़ रुपए की तुलना में एलआईसी ने करीबन इसका पांचवां हिस्सा निवेश किया है।