अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने अल सल्‍वाडोर को दी सलाह, बिटक्‍वाइन का न करें वैध इस्‍तेमाल

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अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटक्‍वाइन से जुड़े जोखिमों को देखते हुए सोमवार को कहा कि अल सल्‍वाडोर को इसे वैध मुद्रा के तौर पर इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। आईएमएफ ने कहा कि बिटक्‍वाइन की कीमतों में भारी अस्थिरता को देखते हुए इसका वैध इस्‍तेमाल उपभोक्‍ता सुरक्षा, फाइनेंशिल इंटिग्रीटी और वित्‍तीय स्थिरता के लिए एक बड़ा जोखिम है।

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष नियमित तौर पर आर्टिकल IV मिशन के तहत सदस्‍य देशों के सरकारी अधिकारियों के साथ आईएमएफ के संसाधनों के इस्‍तेमाल के अनुरोध से पहले विचार-विमर्श करता है। आपको बता दें कि सितंबर में अल सल्‍वाडोर वैध मुद्रा के तौर पर बिटक्‍वाइन को मंजूरी देने वाला पहला देश बना। इस देश में वैध मुद्रा के तौर पर अमेरिकी डॉलर का भी इस्‍तेमाल किया जाता है।

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा, ‘उपरोक्‍त जोखिमों को देखते हुए बिटक्‍वाइन का इस्‍तेमाल वैध मुद्रा के तौर नहीं किया जाना चाहिए। यह सुझाव दिया जाता है कि बिटक्‍वाइन कानून के दायरे को घटाया जाना चाहिए साथ ही नए भुगतान के इकोसिस्‍टम नियमन और पर्यवेक्षण को और मजबूत किया जाना चाहिए।’

अल सल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति Nayib Bukele ने बिटक्‍वाइन के इस्‍तेमाल के पीछे कुछ तर्क दिए थे। उन्‍होंने कहा था कि दूसरे देशों में रहले वाले सल्‍वाडोरियन को अपने घर पैसे भेजने में इससे मदद मिलेगी। उन्‍होंने यह भी कहा था कि अमेरिकी डॉलर भी वैध मुद्रा बना रहेगा। उनके अनुसार, इससे वित्‍तीय समावेशन, निवेश, पर्यटन और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष के बयान पर अल सल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम कुछ बिंदुओं पर सहमत नहीं है, जैसे बिटक्‍वाइन को अपनाना और हमारे देश के बारे में किया गया इनका विश्‍लेषण दिलचस्‍प है।’

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि अल सल्‍वाडोर की अर्थव्‍यवस्‍था 2021 में लगभग 10 फीसद और 2022 में 3.2 फीसद की दर से बढ़ेगी।