नई दिल्ली । देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी और घरेलू संस्थागत निवेशक भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने कहा है कि वह क्रेडिट कार्ड से भुगतान पर कनवेनिएंस फी नहीं लेगी। यह 1 दिसंबर से लागू हो चुका है। LIC इसके जरिये डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है। LIC ने कहा कि रिन्यूअल प्रीमियम, नया प्रीमियम या लोन या ब्याज के रिपेमेंट के लिए अगर कोई पॉलिसी धारक क्रेडिट कार्ड से भुगतान करता है तो उसे 1 दिसंबर से कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि क्रेडिट कार्ड के जरिये फ्री लेनदेन की यह सुविधा पैसे संग्रह करने के हर माध्यम पर लागू होगा चाहे वह कार्डलेस पेमेंट हो या कार्ड स्वाइप कर या फिर प्वाइंट ऑफ सेल मशीन के जरिये।
LIC ने उन पॉलिसी धारकों को भी बड़ी राहत दी है जिनकी पॉलिसी दो साल से अधिक समय से लैप्स पड़ी है। ऐसी लैप्स्ड पॉलिसी को भी पॉलिसी धारक अब चालू करवा सकते हैं। एक ट्वीट में भारतीय जीवन बीमा निगम ने कहा, ‘एलआईसी पॉलिसी धारकों के लिए लैप्स्ड पॉलिसी को फिर से चालू करवाने का अवसर लेकर आई है। दो साल से अधिक समय से लैप्स्ड को फिर से चालू कराने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब इसे फिर से चालू करवाया जा सकता है।’
बीमा नियामक के 1 जनवरी 2014 से प्रभावी नियमों के अनुसार, लैप्स्ड पॉलिसी को दो साल के भीतर चालू करवाया जा सकता था। इसलिए, 1 जनवरी 2014 के बाद ली गई ऐसी जीवन बीमा पॉलिसी जिसके प्रीमियम का भुगतान दो साल पहले किया गया था उसे फिर से चालू नहीं करवाया जा सकता था।
इस मसले को लेकर एलआईसी बीमा नियामक के पास गई और उन पॉलिसी धारकों को भी अपनी लैप्स्ड पॉलिसी फिर से चालू करवाने की सुविधा दी जिन्हें दो साल से अधिक वक्त हो चुका था। अब, 1 जनवरी 2014 के बाद भारतीय जीवन बीमा निगम से पॉलिसी लेने वाले ग्राहक भी अपनी लैप्स्ड पॉलिसी फिर से चालू करवा सकते हैं। हालांकि, नॉन-लिंक्ड पॉलिसी के लिए यह अवधि 5 साल और यूनिट लिंक्ड पॉलिसी के लिए 3 साल की अवधि दी गई है। यहां पांच और तीन साल का मतलब उस अवधि से है जब अंतिम प्रीमियम दिया गया था।