नई दिल्ली : सरकार ने 69 हजार करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज के साथ बीएसएनएल को 30 हजार करोड़ रुपये की राशि का लेटर ऑफ कंफर्ट (एलओसी) प्रदान किया है। इस सरकारी गारंटी के बूते बीएसएनएल को अपने पूंजीगत खर्चो के लिए नए कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी ताकि वह सफलतापूर्वक 4-जी सेवाएं प्रारंभ कर सके। सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान अपने वेंडरों को करना है जिनमें अकेले नोकिया को 2,000 करोड़ रुपये अदा किए जाने हैं।
बीएसएनएल ने पूर्व में लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के कर्ज ले रखा है। जबकि 10 हजार करोड़ रुपये के नए कर्ज लेने की उसकी योजना है। इसमें 4-जी नेटवर्क के लिए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) से लिया जाने वाला प्रस्तावित 5,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है।
सरकार ने बीएसएनएल को पहले सिर्फ 20 हजार करोड़ रुपये की एलओसी देने का मन बनाया था। लेकिन कंपनी की 4-जी स्पेक्ट्रम की आवश्यकता को देखते हुए बाद में इसे बढ़ाकर 30 हजार करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया गया।सरकार ने कुछ समय पहले बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69 हजार करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज के साथ 50 वर्ष से अधिक उम्र कर्मचारियों को वीआरएस देने का एलान किया था। इसमें से 29,938 करोड़ रुपये का भुगतान स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले कर्मचारियों को वीआरएस के तहत किया जाना है।
इसमें 17,170 करोड़ रुपये का भुगतान हेतु सहायता के तौर पर जबकि 12,768 रुपये का भुगतान पेंशन तथा ग्रेच्युटी आदि की मदों में किया जाना है। वीआरएस के तहत बीएसएनएल और एमटीएनएल के कुल करीब 1.66 लाख कर्मचारियों में से लगभग 80 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस लेने की इच्छा जताई है।
वीआरएस के अलावा सरकार बीएसएनएल और एमटीएनएल को 23,814 करोड़ रुपये की राशि 4-जी स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए देगी। इसके अलावा सरकार की ओर से दोनो कंपनियों को दीर्घकालिक बांड खरीदने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की गारंटी भी प्रदान की जाएगी, ताकि वे अपने कर्जो के अलावा पूंजीगत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें। इनके अलावा बीएसएनएल और एमटीएनएल को अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री या लीजिंग के माध्यम से 38 हजार करोड़ रुपये जुटाने को कहा गया है।