Budget 2020 में Income Tax में हो कटौती, हो चार टैक्स रेट: तीन बजट तैयार करने वाले अधिकारी का सुझाव

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नई दिल्ली : पूर्व वित्त सचिव एस सी गर्ग ने Income Tax व्यवस्था को सरल करने का सुझाव दिया है। उसने बिना किसी सेस या सरचार्ज के टैक्स के चार रेट तय करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि पांच लाख रुपये तक की आय कर के दायरे से बाहर होनी चाहिए। उन्होंने 5-10 लाख रुपये तक की आय पर पांच फीसद की दर से कर लेने की बात कही है। इसके अलावा 10-25 लाख रुपये तक की आय पर 25 फीसद और 50 लाख रुपये से अधिक के इनकम पर 35 फीसद के रेट से आयकर लेने का सुझाव दिया है। उन्होने कहा कि इनकम टैक्स पर लगने वाले सेस और सरचार्ज को भी खत्म कर दिया जाना चाहिए।

पूर्व वित्त सचिव ने आयकर में छूट की बढ़ती मांग के बीच यह बात कही है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सितंबर में Corporate Tax में भारी कटौती की घोषणा की थी। उसके बाद से ही व्यक्तिगत आयकर, एमएसएमई कंपनियों के लिए टैक्स रेट में कटौती की मांग की जा रही है।

गर्ग ने एक ब्लॉग में लिखा, ”चालू वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट कर प्रणाली को तर्कसंगत और प्रतिस्पर्धी बनाया गया है। इस संबंध में अब और कुछ किए जाने की उम्मीद नहीं है। अब व्यक्तिगत कर प्रणाली के संदर्भ में कुछ बड़े कर सुधार किए जाने की जरूरत है।”

वर्तमान व्यवस्था में Income Tax के आठ स्लैब हैं एवं उच्चतम प्रभावी कर की दर 40 फीसद से भी ज्यादा है। गर्ग ने कर प्रणाली में सुधार पर जोर देते हुए कहा, ”पांच लाख से कम की आय पर कोई टैक्स नहीं, 5-10 लाख रुपये तक के इनकम पर पांच फीसद, 10-25 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स, 25-50 लाख रुपये तक की आय पर 25% और 50 लाख रुपये से अधिक की आय पर 35 फीसद का कर वाली प्रणाली ज्यादा साधारण एवं अधिक उचित कर व्यवस्था होगी।”

उन्होंने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि इस तरह की कर व्यवस्था Taxpayers को पसंद आएगी। एक अंतरिम बजट सहित तीन बजट तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले गर्ग ने कहा कि यह समय डिजिटल बैंकिंग का लाभ उठाते हुए Dividend Distribution Tax (DDT) को खत्म करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।