नई दिल्ली : कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। चीन और उसके पड़ोसी देशों में जानलेवा कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते तेल की कीमतों में यह गिरावट देखी गई है। कोरोना वायरस से तेल की वैश्विक मांग में कमी आई है। इस वायरस के चलते अकेले चीन की तेल खपत में 20 फीसद तक की गिरावट आ गई है। मांग में कमी के चलते कच्चे तेल की फ्यूचर प्राइस मंगलवार को 50 डॉलर प्रति बैरल से भी नीचे आ गई, जो कि करीब एक साल का न्यूनतम स्तर है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का सीधा असर आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट के रूप में देखने को मिल सकता है।
क्रूड ऑयल WTI का फ्यूचर भाव मंगलवार सुबह साढ़े चार बजे करीब 49.78 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था, जो कि करीब एक साल का इसका न्यूनतम स्तर है। क्रूड ऑयल का फ्यूचर भाव आज मंगलवार को 49.92 बैरल प्रति लीटर पर खुला है और सुबह 9 बजे तक इसके भाव ने 49.66 डॉलर प्रति लीटर से 50.59 डॉलर प्रति लीटर के बीच ट्रेंड किया है। गौरतलब है कि क्रूड ऑयल का फ्यूचर प्राइस पिछले सत्र में 50.11 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था।
वहीं, ब्रेंट ऑयल की बात करें, तो यह मंगलवार सुबह सवा तीन बजे 54.14 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेंड कर रहा था। ब्रेंट ऑयल मंगलवार को 54.18 डॉलर प्रति औंस पर खुला है और सुबह 9 बजे तक इसके फ्यूचर भाव ने 53.95 डॉलर प्रति बैरल से 54.86 डॉलर प्रति बैरल के बीच में ट्रेंड किया है। गौरतलब है कि ब्रेंट ऑयल का फ्यूचर भाव पिछले सत्र में 54.45 डॉलर प्रति बैरल बर बंद हुआ था।
चीन की एनर्जी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े आयातक की तेल डिमांड में करीब तीन मिलियन बैरल प्रति दिन की गिरावट आई है। मांग में यह गिरावट कोरोना वायरस के चलते काम-काज रुक जाने के कारण आई है।