भारत इस समय कोरोना की दूसरी लहर झेल रहा है। जिसकी वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में लाॅकडाउन लगाया गया है। स्थानीय लाॅकडाउन का असर बाजार पर भी पड़ रहा है। पहले लाॅकडाउन की अपेक्षा इस बार असर कम हुआ है। लेकिन फिर भी पिछले दो महीनों के दौरान नौकरियां गई हैं। राज्य दर राज्य के हिसाब से देखें तो मार्च में दिल्ली में बेरोजगारी दर 9.4% बेरोजगारी दर रही। वहीं, हरियाणा और राजस्थान में बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत थी।
पहली लहर के बाद उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बार फिर जोरदार झटका लगा है। इस साल फरवरी में नई नौकरियों के अवसर खुल रहे थे लेकिन मार्च और अप्रैल में कोविड की दूसरी लहर ने इन उम्मीदों को एक बार फिर जोरदार झटका दिया है।
भारत में पिछले साल पहली बार लाॅकडाउन लगाया गया था। 25 मार्च से 31 मई तक की गई बंदी का बुरा असर अर्थव्यवस्था और नई नौकरियों पर भी दिखा था। CMIE के आंकड़ो के अनुसार अप्रैल 2020 में बेरोजगारी दर 23.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। इस साल मार्च में 6.5 प्रतिशत थी लेकिन अप्रैल में एक बार फिर खराब हालात का असर नौकरियों पर दिखा है। ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2021 में बेरोजगारी दर 8 प्रतिशत थी, जोकि इस साल सबसे अधिक है।
नौकरी डाॅट काॅम के आंकड़ो के अनुसार मुंबई दिल्ली सहित देश के 14 बड़े शहरों में नौकरी पिछले महीने लोगों नई नौकरियां नहीं मिली हैं। इसकी वजह इन क्षेत्रों में लगाए गए लाॅकडाउन को बताई गई। जबकि फरवरी में इन सभी शहरों में हायरिंग ग्रोथ 10 प्रतिशत थी, मार्च में भी ग्रोथ देखने को मिली।
जाॅब पोर्टल नौकरी डाॅट काॅम के द्वारा ट्रैक किए गए 41 सेक्टर में से 38 हायरिंग एक्टविटी में गिरावट देखी गई। मार्च में यह संख्या 21 थी, जबकि फरवरी में यह सिर्फ 4 थी। उदारहण के तौर ट्रैवेल सेक्टर को अगर देखें तो इस सेक्टर में दिसंबर से फरवरी के बीच हायरिंग में इजाफा देखने को मिला था। जबकि मार्च में 8% और अप्रैल में 36% की गिरावट देखी गई।
राज्य दर राज्य बेरोजगारी दर