अमेरिकी श्रमिकों को प्रौद्योगिकी कौशल सिखाने इवांका से मिले पिचाई

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सैन फ्रांसिस्को: गूगल (Google) के सीईओ सुंदर पिचाई और इवांका ट्रम्प ने एक पहल की घोषणा की है, जिसके तहत अगले पांच वर्षो के लिए अमेरिकी नागरिकों को 250,000 प्रशिक्षण अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि उन्हें नए जमाने की प्रौद्योगिकी कौशल की शिक्षा दी जा सके. सीनेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिचाई ने इवांका के साथ इस पहल की घोषणा डलास में एक समारोह में की.

ट्रम्प ने गूगल (Google) पर आरोप लगाया था कि उसने साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था और उसने चीनी सेना की मदद की थी.

पिचाई ने कहा, “गूगल (Google) अमेरिकी श्रमिकों के लिए प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर करेगा. यह व्हाइट हाउस का एक प्रयास है. इस कार्यक्रम के तहत हाईस्कूल की उम्र से करीब-करीब रिटायरमेंट की उम्र तक अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हें कुशल बनाया जाएगा.”

अमेरिकी न्याय विभाग भी गूगल (Google) के संभावित अविश्वासी आचरण की जांच कर रहा है. ट्रम्प ने गूगल (Google) पर कंजर्वेटिव विरोधी का आरोप लगाया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति की सलाहकार इवांका ने इस समारोह में कहा कि इस प्रतिज्ञा के माध्यम से इसका लक्ष्य प्रतिभा की अगली पीढ़ी के साथ उन अवसरों को उपलब्ध कराना है.

चीन के साथ इस सर्च इंजन के व्यवहार को जानने और इसकी राजनीतिक निष्पक्षता के बारे में चर्चा करने के बाद ट्रम्प ने मार्च में ट्विटर पर पिचाई को ‘प्रेसीडेंट ऑफ गूगल (Google)’ कहकर संबोधित किया था.

ट्रम्प ने इस ट्वीट में लिखा, “अभी-अभी प्रेसीडेंट ऑफ गूगल (Google) सुंदर पिचाई से मिला, जो कि वाकई में अच्छा काम कर रहे हैं. पिचाई ने दृढ़ता से कहा कि वह चीनी सेना के साथ नहीं, बल्कि अमेरिकी सेना के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं.”

ट्रम्प ने यह भी लिखा, “राजनीतिक निष्पक्षता और कई और चीजों के बारे में बात की, जो गूगल (Google) हमारे देश के लिए कर सकता है. इस बैठक का समापन काफी अच्छे से हुआ.”

गूगल (Google) को इसके पहले उन मीडिया रपटों पर लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था, जिसमें कहा गया था कि गूगल (Google) चीन के लिए एक सीक्रेट सर्च इंजन बनाने पर काम कर रहा है, जो परिणामों को सेंसर कर देगा. विश्व स्तर पर नाराजगी का सामना करने के बाद कथित तौर पर गूगल (Google) ने इस परियोजना को स्थगित कर दिया.