चंडीगढ़ । पंजाब में महंगी बिजली के मुद्दे पर कांग्रेस हाईकमान भी चिंतित है। पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने बैठक में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पहला सवाल यही पूछा कि पंजाब में इतनी महंगी बिजली क्यों है? मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि इसके लिए शिरोमणि अकाली दल जिम्मेदार है। हम इस पर काम कर रहे हैं और जल्द ही इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। दिल्ली में हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी भी मौजूद थीं।
कैप्टन ने सोनिया गांधी के साथ अलग से भी बैठक की। दस मिनट तक चली इस मुलाकात के दौरान माना जा रहा है कि राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा का भी मुद्दा उठा। पंजाब के राजनीतिक व प्रशासनिक मुद्दों को लेकर कैप्टन के साथ दो चरणों में बैठक हुई। पहले चरण में आशा कुमारी व जाखड़ थे, जबकि दूसरे चरण में सिर्फ कैप्टन के साथ बैठक हुई। पहले चरण में सोनिया का मुख्य फोकस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और महंगी बिजली को लेकर था। कैप्टन ने उन्हें बताया कि पंजाब विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी इस कानून के खिलाफ जा रही है।
बैठक में महंगी बिजली का मुद्दा खुद सोनिया ने उठाया। जानकारी के अनुसार सुनील जाखड़ ने भी इसे बड़ा मुद्दा बताया। कैप्टन ने कहा कि शिअद-भाजपा सरकार के दौरान हुए समझौते के कारण पंजाब में महंगी बिजली है। प्रदेश सरकार इस पर गंभीरता से काम कर रही है। यह मुद्दा शीघ्र सुलझा लिया जाएगा।
बैठक से संतुष्ट नजर आए कैप्टन
दूसरे चरण की बैठक में माना जा रहा है कि राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा द्वारा कैप्टन के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने का मुद्दा उठा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि सोनिया ने कैप्टन को क्या आश्वासन दिया, लेकिन कैप्टन के हाव-भाव से वह संतुष्ट नजर आ रहे थे। इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे थे कि बैठक उनके लिए काफी अनुकूल रही। चर्चा यह भी है कि कैप्टन ने सोनिया से कैबिनेट में खाली पड़े पद को भरने को लेकर भी चर्चा की।
मंत्री कर चुके हैैं कार्रवाई की मांग
पंजाब के कैबिनेट मंत्री पहले ही बाजवा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग कर चुके है। कैप्टन भी बाजवा के हमलों से खासे आहत हैं। दूसरे कार्यकाल के दौरान संभवत: यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री ने किसी नेता की शिकायत सोनिया गांधी से की हो।