जरात चुनाव में बीजेपी को जीत इसी फार्मूले पर मिली थी। अब गुजरात के फार्मूले को मध्यप्रदेश में लागू किया जाना है। गुजरात में भी आठ से दस बूथों पर एक शक्ति केन्द्र बनाकर निगरानी की गई थी। माना जा रहा है कि इस फर्मूले ने उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम दिए हैं। इसलिए इसे मध्यप्रदेश में भी लागू किया जा रहा है। प्रदेश में अभी तक मंडल स्तर पर जिम्मेदारी दी गई थी। मंडल स्तर के अधिकार अब बूथ प्रभारियों को रहेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा वर्ष 2021 में गुजरात में शक्ति केंद्रों की स्थापना के साथ-साथ इनके माध्यम से कार्यकर्ताओं को जोड़ने एवं राष्ट्रवाद की अलख जगाने का काम किया गया था । इसी कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना एवं कार्यक्रम का लाभ जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से जुड़े हुए संगठन की व्यवस्था में स्पष्ट रूप से सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं, इसी को सूत्र वाक्य मानकर मध्य प्रदेश भाजपा तीन दिवसीय शक्ति सम्मेलन में एक बार फिर प्रदेश की जनता तक पहुंचेगी। इस शक्ति सम्मेलन के जरिए भाजपा कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर उतरकर मोर्चा संभालने वाले हैं। मध्य प्रदेश में यह तीन दिवसीय शिविर प्रारंभ हो चुका है ।
65000 स्थानों पर एक साथ संवाद की योजना ।
नवरात्र के दौरान 17 से 19 अक्टूबर तक हो रहे इस तीन दिवसीय शक्ति सम्मेलन के माध्यम से डबल इंजन सरकार की नीतियों और उससे मिले लाभ की जानकारी जनता को दी जाएगी। पार्टी कार्यकर्ता और नेता डबल इंजन सरकार से मिलने वाले लाभ से जनता को वाकिफ कराएंगे। साथ ही, यह प्रतिज्ञा लेंगे कि 20 साल के भाजपा शासनकाल में जनता के जीवन में जो सुधार हुआ है, उसे ही निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा। मध्य प्रदेश भाजपा की ओर से राज्य भर में 12 हजार से अधिक जगहों पर शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। पार्टी इसके माध्यम से 65 हजार से अधिक बूथों तक अपने पन्ना प्रमुख और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेगी।
कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर तक जोड़ने का अभियान ।
मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा का कहना है कि 17 से 19 अक्टूबर के बीच बूथ के कार्यकर्ता फिर इस बार भाजपा सरकार जयघोष के साथ बूथ विजय का संकल्प लेंगे। क्षेत्र के लोगों को अधिक से अधिक मतदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सरकार के कामकाज को लेकर वोट देने की अपील की जाएगी। इस तीन दिवसीय आयोजन को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यकर्ताओं में दिख रहे उत्साह को लेकर मतदाता भी प्रसन्न दिख रहे हैं। आदिवासी इलाकों में डबल इंजन सरकार को लेकर सकारात्मक बातें सामने आ रही है।