प्रियंका गांधी नहीं जाएंगी राज्यसभा, कांग्रेस में दावेदारों की संख्या बनी बड़ी चुनौती

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नई दिल्ली। दावेदारों की बड़ी संख्या के चलते कांग्रेस हाईकमान के लिए राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों का फैसला करना बड़ी चुनौती बन गया है। रिटायर हो रहे सदस्यों के अलावा लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाने वाले पार्टी के कई नए-पुराने दिग्गज अब राज्यसभा में पहुंचने के लिए जोर लगा रहे हैं।

राज्यसभा चुनाव- सीटों के लिए कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार

कांग्रेस को राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में दर्जन भर सीटें मिलेंगी, मगर एक अनार सौ बीमार की तर्ज पर इनके लिए कम से कम पार्टी के तीन दर्जन नेता जोर लगा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं की इस दावेदारी के बीच एक संकेत हाईकमान की ओर से लगभग साफ है कि प्रियंका गांधी वाड्रा राज्यसभा में नहीं जाएंगी।

पुराने नेताओं के साथ कांग्रेस के कुछ नए तेज-तर्रार चेहरों को भी राज्यसभा में लाया जाएगा

पुरानी और युवा पीढ़ी के नेताओं के बीच राज्यसभा सीट के लिए जारी जोर आजमाइश में हाईकमान दोनों खेमों के बीच संतुलन बनाते हुए उम्मीदवारी तय करेगा। इन संकेतों से स्पष्ट है कि पुराने नेताओं के साथ कांग्रेस के कुछ नए तेज-तर्रार चेहरों को भी राज्यसभा में लाया जाएगा।

मुखर, वाकपटु और दमदार युवा चेहरों को भी मिलेगा मौका

पार्टी सूत्रों ने कहा कि कुछ मुखर, वाकपटु और दमदार चेहरों को उच्च सदन में लाना कांग्रेस की सियासी जरूरत है। खासकर लोकसभा में विपक्षी चुनौती कमजोर होने के मद्देनजर पार्टी राज्यसभा में सरकार की घेरेबंदी को ढीला नहीं पड़ने देना चाहती।

राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव

राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 26 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव होने हैं। इसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 13 मार्च है। इनमें कांग्रेस को 12 से 13 सीटें मिलनी तय है। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ से कांग्रेस को दो-दो सीटें मिलनी हैं, जबकि महाराष्ट्र और हरियाणा से एक-एक सीट पक्की मानी जा रही है। वहीं पार्टी को बंगाल, बिहार, तमिलनाडु के साथ-साथ एक सीट झारखंड से भी सहयोगी दलों की मदद से मिलने की पूरी संभावना है।

दिग्विजय को दूसरी पारी मिलने के प्रबल आसार, खड़गे और शिंदे भी लगा रहे जोर

इसलिए, वरिष्ठ नेताओं में जहां दिग्विजय सिंह को दूसरी पारी मिलने के प्रबल आसार हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में शिकस्त खाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे और सुशील कुमार शिंदे जैसे दिग्गज भी अपनी आखिरी पारी राज्यसभा में खेलने के लिए जोर लगा रहे हैं।

महाराष्ट्र की एक सीट के लिए युवा चेहरों की दावेदारी

कांग्रेस के युवा चेहरों में जहां मिलिंद देवड़ा और राजीव सातव महाराष्ट्र की एक सीट के लिए दावेदारी जता रहे हैं। वहीं शिवसेना और एनसीपी के साथ तालमेल बिठाकर खड़गे दूसरी संभावना वाली सीट पर निगाह डाल रहे हैं। जबकि शिंदे भी इस दूसरी सीट के लिए प्रयासरत बताए जाते हैं।

सिंधिया मध्यप्रदेश से दूसरी सीट के दावेदार

मध्यप्रदेश की दो सीट में से एक पर दिग्विजय सिंह की दावेदारी पक्की मानी जा रही है, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया को दूसरी सीट का दावेदार माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ चल रही सियासी खींचतान सिंधिया के लिए चुनौती जरूर है।

छत्तीसगढ़ की दो सीटों के लिए कई दावेदारों में सुरजेवाला भी शामिल हैं

छत्तीसगढ़ की दो सीटों के लिए तो कई दावेदार हैं, जिनमें अधिकांश बाहरी हैं। इनमें पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला के साथ आंध्र प्रदेश से रिटायर हो रहे सदस्य सुब्बीरामी रेड्डी और केवीपी रामचंद्र राव सरीखे नाम शामिल हैं। सुरजेवाला की राहुल गांधी से निकटता है तो रेड्डी और राव के कांग्रेस के अंदर अपने सियासी समीकरण और उपयोगिता है। हालांकि इन दोनों में से गुंजाइश केवल एक के लिए ही है।

गुजरात की दो सीटों के लिए भरत सोलंकी भी शामिल हैं

गुजरात की दो सीटों के लिए पार्टी नेता भरत सोलंकी, बिहार व दिल्ली के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, सूबे के वरिष्ठ नेता सागर रायका और कांग्रेस महासचिव दीपक बाबरिया जोर आजमाइश कर रहे हैं।

बिहार और झारखंड की एक-एक सीटों के लिए कई लोग

बिहार और झारखंड की एक-एक सीटों के लिए जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, राजीव शुक्ला सहित कई अन्य नेता अपनी संभावनाओं का रास्ता बनाने की कसरत कर रहे हैं।

हरियाणा में कांग्रेस को मिलेगी एक सीट, सैलजा को मिल सकता है दुबारा मौका

हरियाणा में कांग्रेस को एक सीट मिलेगी और लगभग तय माना जा रहा कि प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को हाईकमान दुबारा मौका देगा। वामदलों के बीच आपसी सहमति बनी तो कांग्रेस बंगाल की एक सीट माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के लिए छोड़ सकती है।

तमिलनाडु की एक सीट पर उम्मीदवार का फैसला द्रमुक प्रमुख से चर्चा के बाद होगा तय

तमिलनाडु की एक सीट के उम्मीदवार का फैसला हाईकमान अपनी पसंद और द्रमुक प्रमुख स्टालिन से चर्चा के बाद तय करेगा।