नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को डेफलिम्पिक्स (Deaflympics) में हिस्सा लेने वाली भारतीय टीम से बात की। उन्होंने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं अपने उन चैम्पियनों के साथ इस बातचीत को कभी नहीं भूल सकता, जिन्होंने डेफ ओलंपिक में भारत का गौरव बढ़ाया है। एथलीटों ने अपने अनुभव साझा किए। उनका जुनून और दृढ़ संकल्प देखने को मिला। इन सभी को मेरी शुभकामनाएं।’
आज होने वाली इस वार्ता के बारे में प्रधानमंत्री ने पहले ही ट्वीट कर जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा था, ‘डेफलिम्पिक्स में भारत की टुकड़ी के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं। पूरे दल ने इतिहास रचा है और वे हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान लेकर आए हैं।’
हाल में ही ब्राजील में 24वें डेफलिंपिक्स में भारतीय शूटिंग अभियान की शानदार समाप्ति हुई है। के काक्सियास डो सुल में भारत ने शूटिंग अभियान को तीन स्वर्ण और दो ब्रोंज पदक के साथ खत्म किया। भारत इस इवेंट में दूसरे पायदान पर रहा । बता दें कि डेफलिंपिक में भारत का अब तक का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है । यूक्रेन छह स्वर्ण और कुल मिलाकर 12 पदकों के साथ 10 मजबूत भारतीय दल से आगे रहा।
भारत वर्तमान में सात स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में आठवें स्थान पर है। यह पहली बार है, जब किसी भारतीय निशानेबाजी दल ने भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की पहल पर बधिर ओलिंपिक में भाग लिया है और इसके परिणामस्वरूप खेलों में निशानेबाजी में भारत का पहला पदक प्राप्त हुआ है।
1924 में पहली बार आयोजित किया गया था डेफलिंपिक्स
डेफलिम्पिक्स, अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICSD) द्वारा बधिरों के खेल के लिए आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल कार्यक्रम है। पहली बार इसका आयोजन साल 1924 में किया गया था। डेफलिंपिक्स एक अंतरराष्ट्रीय बहु-खेल आयोजन है जो 18 जुलाई से 30 जुलाई, 2017 तक सैमसन, तुर्की में हुआ था। इसका मुख्य मकसद बधिरों के लिए ओलिंपिक का आयोजन करना था ताकि बधिर खिलाड़ियों की शारीरिक और मानसिक भलाई हो सके।