नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कर प्रणाली को नागरिक केंद्रित बनाए जाने का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि देश में बहुत सारे लोगों द्वारा कर नहीं देने का भार ईमानदार करदाताओं पर पड़ता है, ऐसे में प्रत्येक भारतीय को इस विषय पर आत्ममंथन कर ईमानदारी से कर देना चाहिए.
एक न्यूज चैनल के समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘जब बहुत सारे लोग कर नहीं देते, कर नहीं देने के तरीके खोज लेते हैं, तो इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी से कर चुकाते हैं. इसलिए, मैं आज प्रत्येक भारतीय से इस विषय में आत्ममंथन करने का आग्रह करूंगा. क्या उन्हें ये स्थिति स्वीकार है?’
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा कारों की ब्रिकी हुई है. तीन करोड़ से ज्यादा भारतीय कारोबार के काम से या घूमने के लिए विदेश गए हैं, लेकिन स्थिति ये है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही आयकर देते हैं. उन्होंने कहा कि वह सभी देशवासियों से आग्रह करेंगे कि देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने वालों को याद करते हुए इस बारे में संकल्प लें और प्रण लें कि ईमानदारी से जो टैक्स बनता है, वह देंगे.
PM मोदी ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर देश हमसे जिन कर्तव्यों को निभाने की अपेक्षा करता है, वो जब पूरे होते हैं, तो देश को भी नयी ताकत और नई ऊर्जा मिलती है. यही नई ऊर्जा, नई ताकत, भारत को इस दशक में भी नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गए हैं, जहां करदाताओं के अधिकारों को स्पष्टता से परिभाषित करने वाला करदाता चार्टर भी लागू होगा.
सरकार के कार्यो एवं प्रतिबद्धताओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया का सबसे युवा देश, अब तेजी से खेलने के मूड में है. सिर्फ 8 महीने की सरकार ने फैसलों की जो सेंचुरी बनाई है, वो अभूतपूर्व है. भारत ने इतने तेज फैसले लिए, इतनी तेजी से काम हुआ.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘देश में हो रहे इन परिवर्तनों ने, समाज के हर स्तर पर नई ऊर्जा का संचार किया है, उसे आत्मविश्वास से भर दिया है. आज देश के गरीब में ये आत्मविश्वास आ रहा है कि वो अपना जीवन स्तर सुधार सकता है, अपनी गरीबी दूर कर सकता है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत का लक्ष्य है अगले 5 साल में अपनी अर्थव्यवस्था को 5000 अरब डॉलर तक का विस्तार देना. ये लक्ष्य, आसान नहीं, लेकिन ऐसा भी नहीं कि जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ये बहुत आवश्यक है कि भारत में विनिर्माण बढ़े, निर्यात बढ़े. इसके लिए सरकार ने अनेक फैसले लिए हैं.