COP 14 में PM मोदी का ऐलान- 10 साल में 50 लाख हेक्टेयर बंजर जमीन को बनाएंगे उपजाऊ

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज यानी कॉप के 14वें अधिवेशन को संबोधित किया. ये अधिवेशन उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के इंडिया मार्ट एंड एक्सपो में आयोजित हो रहा है. इस दौरान जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और बढ़ते रेगिस्तान पर चिंतन किया जा रहा है.

COP 14 कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के संस्कारों में धरती पवित्र है, हर सुबह जमीन पर पैर रखने से पहले हम धरती से माफी मांगते हैं. पीएम बोले कि आज दुनिया में लोगों को क्लाइमेट चेंज के मसले पर नकारात्मक सोच का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है, बारिश, बाढ़ और तूफान हर जगह इसका असर देखने को मिल रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने इस मसले पर तीन बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया है, इससे हमारी कोशिशों के बारे में दुनिया को पता लगता है. PM ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण के मसले पर दुनिया में कई कदम उठाने को तैयार है.

पीएम मोदी बोले कि आज दुनिया में पानी की समस्या काफी बढ़ी है, दुनिया को आज पानी बचाने के मसले पर एक सेमिनार बुलाने की जरूरत है जहां पर इन मसलों का हल निकाला जा सके. भारत पानी बचाने, पानी का सही इस्तेमाल करने की ओर कदम बढ़ा चुका है. पीएम मोदी बोले कि भारत ने ग्रीन कवर (पेड़ों की संख्या) को बढ़ाया, 2015-2017 के बीच भारत का जंगल का एरिया बढ़ा है.

कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी हम और भी जंगल के हिस्से को बढ़ाने पर आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय दोगुना करने की ओर बढ़ रही है, इसमें अलग-अलग तरीके से खेती सिखाई जा रही है. पानी की समस्या को लेकर हमने अलग मंत्रालय बनाया है, ताकि सभी का हल किया जा सके. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने की ओर बढ़ चुका है.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को भी जल्द ही सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक लगानी होगी. भारत ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत काफी सफलता पाई है, आज भारत में शौचालयों की संख्या 38 से 99 फीसदी तक पहुंची है. पीएम मोदी ने ऐलान किया कि भारत आने वाले समय में बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है, भारत 21 मिलियन हेक्टेयर्स से लेकर 26 मिलियन हेक्टयर्स बंजर भूमि को 2030 तक उपजाऊ करेगा.

इस सम्मेलन में करीब 80 देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हो रहे हैं. देश और दुनिया में इन समस्याओं से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों को विश्वमंच पर साझा किया जाएगा.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस दौरान जलवायु परिवर्तन के मसले भारत सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया, भारत किस तरह ई-व्हीकल को सपोर्ट कर रहा है इसपर भी बात रखी. इस कार्यक्रम में सेंट विसेंट के प्रधानमंत्री भी मौजूद रहे.

पिछले एक सप्ताह से दुनियाभर के विशेषज्ञ इन मुद्दों पर मंथन के साथ अपने अनुभवों को साझा करने में जुटे हैं ताकि पृथ्वी को आने वाले खतरों से बचाया जा सके.

कांफ्रेंस ऑफ द पार्टीज की मेजबानी इस बार भारत को मिली है. 2 सितंबर से शुरू हुए कॉप-14 में अभी तक दुनिया भर के वैज्ञानिक, विशेषज्ञ मुद्दों पर अपने-अपने देश की चिंताएं, समस्याएं उनके निपटने के लिए हुए उपाय और अनुभवों को साझा कर चुके हैं.

13 सितंबर तक चलने वाले कॉप-14 से जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता, मरुस्थलीकरण जैसी विश्व व्यापक समस्या का सामना करने के लिए ऐसा रोडमैप सामने आ सकता है. इससे आने वाली पीढि़यों के लिए पृथ्वी सुरक्षित बनी रहे.

गौरतलब है कि पर्यावरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिशों की तारीफ दुनियाभर में होती आई है, हाल ही में पीएम मोदी को चैंपियंस ऑफ अर्थ का अवॉर्ड भी मिला था.