नई दिल्ली। कोरोना काल में मानसून सत्र की शुरूआत के साथ ही सोमवार को कई संसदीय रिकार्ड भी बने और बड़ी संख्या में सांसदों की मौजूदगी के जरिए अभूतपूर्व संदेश भी दिया गया। पहले दिन लोकसभा के कुल 359 सदस्य मौजूद थे। संसद के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोविड-19 प्रोटॉकाल की वजह से लोकसभा के सांसद सदन की दीर्घाओं से लेकर राज्यसभा चैंबर में बैठे। इसी तरह राज्यसभा के सदस्यों ने भी दीर्घाओं से लेकर लोकसभा में बैठकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। संसदीय इतिहास में यह भी पहला मौका है कि जब संसद का पूरा सत्र सुबह और शाम की दो पालियों में बांटा गया है।
संवैधानिक बाध्यता के कारण मानसून सत्र तो बुला लिया गया था लेकिन मौजूदगी को लेकर आशंकाएं थी। सोमवार को यह आशंका धराशायी हो गई। सुबह लोकसभा में लगभग साढ़े तीन सौ सांसद उपस्थित थे तो शाम को राज्यसभा में लगभग सभी सदस्य मौजूद थे। इसकी आहट रविवार को ही मिल गई थी जब एडवाइजरी कमिटि की बैठक में अलग अलग दलों के सदस्यों ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के लिए लोकसभा अध्यक्ष को बधाई दी थी।
प्रणब मुखर्जी को दी गई श्रद्धांजलि
सत्र की शुरूआत में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और 13 अन्य पूर्व सांसदों के निधन पर श्रद्धांजलि देकर सदन की बैठक उनके सम्मान में एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों के दिखाए उत्साह की सराहना की। हालांकि दो दर्जन से ज्यादा सांसद टेस्ट में पोजिटिव पाए गए हैं, इसके बावजूद बड़ी संख्या में सांसदों ने उपस्थित होकर देश को भी संदेश दिया। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद एक दूसरे सदन में भी बैठेंगे और दर्शक दीर्घा मे भी। स्पीकर ने इस पर हल्के अंदाज में कहा कि राज्यसभा के भी कई सदस्य जो लोकसभा में आने का सपना देखते रहे होंगे वे इस चैंबर में सत्र के दौरान बैठेंगे। अच्छी बात यह रही कि शून्यकाल भी चला, दो बिल भी पास हुए।
पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने शारीरिक दूरी के नियमों का किया पालन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, द्रमुक के टीआर बालू, फारूख अब्दुल्ला समेत तमाम दलों के नेताओं और सांसदों ने कोरोना संकट की चुनौती के मद्देनजर सदन में मास्क लगाए हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी मौजूद नहीं थे क्योंकि वह इलाज के लिए विदेश में हैं। नेताओं ने एक दूसरे से रूबरू होने में गर्मजोशी को काबू में रखते हुए दूर से ही नमस्कार कर शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया। राजनीतिक दलों को उनकी सदस्यों की संख्या के हिसाब से लोकसभा के मुख्य चैंबर, दीर्घाओं और राज्यसभा में सदन की बैठक के लिए सीट दी गई है।
सांसदों को सदन के अंदर नियंत्रित गतिविधि की ही इजाजत है और उन्हें अपनी सीट पर बैठे-बैठे बोलने की इजाजत दी गई है। स्पीकर ने कहा कि कोई सदस्य इस सत्र के दौरान खड़ा होकर नहीं बोलेगा। कोरोना की चुनौती को देखते हुए संसद भवन में प्रवेश के लिए तय किए गए गेटों पर विशेष थर्मल स्क्रीनिंग और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था की गई है। संसद की कार्यवाही कवर करने के लिए मीडिया को भी इस बार काफी सीमित संख्या में इजाजत दी गई है।