नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी नेताओं को हिंदुत्व की बहस में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि यह पार्टी की मूल विचारधारा से मीलों दूर है।
फोन पर बातचीत में तिवारी ने जोर देकर कहा कि पार्टी को अपनी मूल विचारधारा पर टिके रहना चाहिए और उससे हटना नहीं चाहिए क्योंकि अतीत में पार्टी नेताओं ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए नरम हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि उदारवाद और पंथनिरपेक्षता में विश्वास करने वाले लोगों को ही कांग्रेस में रहना चाहिए।
अगर आप धर्म को राजनीति का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो आपको दक्षिणपंथी पार्टियों में होना चाहिए, पंथनिरपेक्षता में विश्वास करने वाली कांग्रेस में नहीं। बाद में एक ट्वीट में तिवारी ने कहा कि हिंदुवाद और हिंदुत्व की बहस में कांग्रेस में कुछ लोग बुनियादी बिंदु चूक से जाते हैं। अगर मुझे लगता है कि मेरी धार्मिक पहचान मेरी राजनीति का आधार होना चाहिए तो मुझे बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक राजनीतिक पार्टी में होना चाहिए। मैं कांग्रेस में हूं क्योंकि मैं नेहरूवादी आदर्श में विश्वास करता हूं कि धर्म निजी कार्य है।
उन्होंने ट्वीट में कहा कि दक्षिणपंथी लोकलुभावनवाद और उदारवाद के बीच वैश्विक संघर्ष में प्रगतिशील दल कभी भी लोगों का दिल और दिमाग नहीं जीत सकते हैं। तिवारी ने कहा कि आज हम चाहें या न चाहें, आरएसएस और भाजपा की विभाजनकारी और घृणास्पद विचारधारा कांग्रेस की प्रेममयी, स्नेही और राष्ट्रवादी विचारधारा पर भारी पड़ गई है और यही हमें स्वीकार करना होगा। राहुल गांधी ने कहा था कि हमारी विचारधारा जीवित है, यह जीवंत है। हमें अपनी विचारधारा का प्रचार अपने लोगों को प्रशिक्षित करके और उन्हें इस बारे में बातचीत में शामिल करके करना है कि कांग्रेस के व्यक्ति होने का क्या मतलब है और यह आरएसएस से अलग कैसे है।