स्‍पेस सेक्‍टर में निजी कंपनियों की भागीदारी को मंजूरी, कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी मुहर

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नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष से जुड़ी सभी गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मंजूरी दे दी। हाल ही में गठित भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्रमाणीकरण केंद्र (इन-स्पेस) निजी कंपनियों को इस संबंध में आधारभूत ढांचे का इस्तेमाल करने में समान अवसर उपलब्ध कराएगा। अंतरिक्ष विभाग प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधीन आता है। यही नहीं उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने को भी मंजूरी दी गई है।

इसरो को होगी यह सहूलियत

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र स‍िंह ने बताया कि इन-स्पेस विभिन्न प्रोत्साहन नीतियों और अनुकूल नियामकीय माहौल के जरिये अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की सहायता करेगा व उन्हें जरूरी दिशानिर्देश भी देगा। अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत सरकारी उपक्रम ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनएसआइएल) अंतरिक्ष गतिविधियों को आपूर्ति आधारित व्यवस्था से मांग आधारित व्यवस्था में बदलने की कोशिश करेगा। सरकार का कहना है कि इस सुधार से इसरो को शोध एवं विकास गतिविधियों, नई टेक्नोलॉजी और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान देने का मौका मिलेगा।

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से यह होगा लाभ

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किए जाने से थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका जैसे देशों के अनुयायियों को कुशीनगर आने में आसानी होगी।

ओबीसी कमीशन का कार्यकाल बढ़ा

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि ओबीसी कमीशन अब इस बात का भी ध्यान रखेगा कि स्पेलिंग मिस्टेक की वजह से किसी जाति के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित न होना पड़े। इसके लिए कैबिनेट ने ओबीसी कमीशन के कार्यकाल को छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब ओबीसी आयोग रिपोर्ट 31 जनवरी 2021 तक दे सकता है। आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों से संबंधित विभिन्न सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था लेकिन कोरोना संकट के चलते यह काम प्रभावित हुआ। आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों के भीतर वर्गीकरण के मसले पर गौर करने की भी जिम्मेदारी दी गई है।

एनिमल हस्बैंडरी डेवलपमेंट फंड को मंजूरी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पशु पालन के क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए एनिमल हस्बैंडरी डेवलपमेंट फंड को मंजूरी दी गई है। इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा और लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में करीब 18 से 20 करोड़ लोगों को मुद्रा लोन जबकि 9 करोड़ 33 लाख लोगों को शिशु लोन दिया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिशु लोन के योग्य लाभार्थियों को 12 महीनों के लिए ब्याज में दो फीसद की छूट देने करने का निर्णय लिया है।

को-ऑपरेटिव बैंकों को RBI सुपरविजन में लाया गया

जावड़ेकर ने कहा कि हमारे देश में 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी स्टेट बैंक हैं। इन बैंकों को तुरंत प्रभाव से RBI के सीधे सुपरविजन पॉवर में लाने का एक अध्यादेश पारित किया गया है। RBI की शक्ति अब शेड्यूल के साथ-साथ को-ऑपरेटिव बैंकों पर भी लागू होगी। यह कदम बैंकों में 8.6 करोड़ से अधिक जमाकर्ताओं को आश्वासन देगा कि उनकी राशि 4.84 लाख करोड़ रुपये तक सुरक्षित रहेगी।