मची थी पैसों के लिए हड़ताल, इस देश के राष्ट्रपति ने पेंशन छोड़ पेश की बेहतरीन मिसाल

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पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों ने राष्ट्रपति के तौर पर अपनी पेंशन छोड़ने का फैसला किया है. राष्ट्रपति निवास एलिसी पैलेस ने शनिवार की रात फ्रांसीसी मीडिया को यह जानकारी दी. इससे ले पेरिसियन की पूर्व की रिपोर्ट की पुष्टि हुई है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला ऐसे समय में आया हैं, जब फ्रांस में पेंशन रिफॉर्म योजना के खिलाफ सामाजिक आंदोलन 17वें दिन भी चल रहा है. पेंशन रिफॉर्म योजना को लेकर मैक्रों सरकार ने दबाव बनाया है, जबकि राष्ट्रपति शुक्रवार से आइवरी कोस्ट में फ्रांस के सैनिकों के साथ क्रिसमस मना रहे हैं.

एलिसी ने फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी से कहा मैक्रों की तरफ से ‘दिखावा की कोई इच्छा नहीं है,’ लेकिन ‘संगति की चाह है’. एलिसी ने कहा कि ‘संगति’ का अर्थ है कि पूर्व राष्ट्रपतियों के पेंशन के कानून भविष्य के किसी राष्ट्रपति पर लागू नहीं होंगे. फ्रांसीसी कानून के तहत, देश के पूर्व प्रमुखों की पेंशन, स्टेट काउंसिलर के वेतन के बराबर 6,220 यूरो (6890 अमेरिकी डॉलर) होती है.

मैक्रों सरकार एक सिंगल प्वांइट बेस्ड पेंशन प्रणाली स्थापित करना चाहती है, जिसे देश की मौजूदा जटिल पेंशन प्रणाली की जगह लाई जाएगी, जिसमें विभिन्न सेक्टरों व प्रोफेशनों के लिए 42 योजनाएं हैं.