सिंधिया परिवार के लिए राजनीति लक्ष्य नहीं जनसेवा- ज्‍योतिरादित्‍य

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भोपाल। Jyotiraditya Scindia भारतीय जनता पार्टी की सदस्‍यता लेने के बाद ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया गुरुवार शाम राजधानी पहुंचे। सिंधिया का भोपाल एयरपोर्ट पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्‍वागत किया। भाोपाल विमानतल पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा, नरोेत्‍तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह आदि नेताओं ने उनका इस्‍तकबाल किया। भाजपा कार्यकर्ताओं और सिंधिया समर्थक कार्यकर्ताआें ने उन्‍हें हाथों हाथ लिया।

कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भाजपा मुख्यालय में भव्य स्वागत हुआ। अपने स्वागत के जवाब में सिंधिया ने कहा कि सिंधिया परिवार के लिए राजनीति लक्ष्य नहीं जनसेवा है । सिंधिया परिवार को जब भी ललकारा गया तो वह चुप नहीं रहा, जिस दल को मेरी दादी राजमाता विजयराजे सिंधिया ने स्थापित किया उस पार्टी परिवार में सब कुछ छोड़ कर आया हूं , दिल लेकर आया हूं । भरोसा दिला रहा हूं कि मेहनत मशक्कत करूंगा। जहां आपका एक बूंद पसीना गिरेगा वहां में अपना खून भी बहा दूंगा। मैं अपने आप को आप के हवाले कर रहा हूं।

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया का स्वागत गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा और संकल्प दिलाया कि राज्य सरकार को उखाड़ फेंकेगे। शिवराज ने भारी जोश पूर्ण भाषण के बीच सिंधिया को विभीषण की संज्ञा तक दे डाली। उन्होंने कहा कि जिस तरह रावण की लंका को पूरी तरह नष्ट करने में विभीषण की जरूरत है वैसे ही सिंधिया हमारे साथ हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सिंधिया का स्वागत किया।

सिंधिया ने यह भी बताया कि मेरी दादी के मान सम्मान को जब ठेस पहुंचाई गई तो उन्होंने 1967 में अलग रास्ता चुना और तत्कालीन सरकार गिर गई। इसके बाद मेरे पिता दिवंगत माधवराव सिंधिया पर 1990 में हवाला मामले में झूठा आरोप लगा तो क्या हुआ आप सब जानते हैं । इसी तरह मैंने वचन पत्र पूरा ना होने ,अतिथि विद्वान, किसानों के कर्ज और मंदसौर किसान गोलीकांड के मामले को उठाया तो मुझे भी ललकारा गया।अब मैं और आप एक और एक मिले मिलकर दो नहीं ग्यारह होना चाहिए।

सिंधिया 13 मार्च को दोपहर 12 बजे पुनः भाजपा कार्यालय आएंगे और महापुरूषों के चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने विधानसभा परिसर जायेंगे।