चीन के मुस्लिमों की बात आते ही अनजान बन गए इमरान, बुरी तरह घिरे

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक तरफ खुद को कश्मीरियों और दुनिया भर के मुसलमानों का दूत बुलाते हैं जबकि दूसरी तरफ चीन के उइगर मुसलमानों की दयनीय स्थिति पर चुप्पी साध लेते हैं. पाक पीएम इमरान खान मुस्लिमों पर अपने दोहरे मानदंड को लेकर सोशल मीडिया पर बुरी तरह घिर गए हैं.

अल जजीरा को दिए इंटरव्यू में पाक पीएम इमरान खान से जब चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.

इंटरव्यू में पत्रकार मोहम्मद जामजूम ने इमरान से पूछा कि क्या उन्हें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उइगर मुस्लिमों के मुद्दे पर कभी चर्चा करने का मौका मिला तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें इस समस्या के बारे में ज्यादा पता नहीं है और बीजिंग इस्लामाबाद का सबसे खास दोस्त है.

इमरान खान ने कहा, नहीं, मैंने कभी इस मुद्दे पर बात नहीं की. हम अपने देश के भीतर इतनी सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं कि हमें उइगरों की समस्या के बारे में नहीं पता. जब से हम सत्ता में आए हैं, अर्थव्यवस्था से लेकर कश्मीर तक हमारे पास समस्याओं की भरमार है. हां, मैं चीन के बारे में एक बात कहना चाहूंगा, चीन पाकिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त है.

जब पत्रकार ने इमरान खान से उइगर मुस्लिमों पर कोई भी बयान जारी ना करने को लेकर सवाल पूछा तो इमरान ने कहा, फिलहाल मेरी जिम्मेदारी पाकिस्तान के लोग हैं. मेरी पहली कोशिश अपने देश के लोगों की मदद करने की है.

अल्पसंख्यक समुदाय उइगर मुस्लिमों को हिरासत कैंप में रखने और उन पर तमाम पाबंदियां लगाने की वजह से दुनिया भर में चीन की आलोचना हो रही है. चीन कहता रहा है कि वह आतंकवाद को रोकने के लिए वह मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है.

मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार और अन्याय के खिलाफ सुविधाजनक तौर पर आवाज उठाने पर इमरान खान बुरी तरह घिर गए हैं. सोशल मीडिया पर लोग इमरान खान को मुस्लिमों के प्रति दोहरे रवैये के लिए फटकार लगा रहे हैं.

पाकिस्तानी पत्रकार ताहा सिद्दीकी ने ट्विटर पर लिखा, डियर इमरान खान, आखिरी बार जब आपसे फाइनेशिंयल टाइम्स के पत्रकार ने यही सवाल पूछा तो भी आपको चीन के उइगरों के बारे में कुछ पता नहीं था. कश्मीर और भारत में मुस्लिमों को लेकर आप शोर मचाते रहते हैं जबकि उइगर मुस्लिमों के बारे में अनजान हैं. ये डबल स्टैंडर्ड क्यों? हिपोक्रैट मत बनिए.

पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने कहा, इमरान कश्मीर और भारत पर हमेशा बोलते रहते हैं. कितना हास्यास्पद है कि इमरान से जब चीन के उइगर मुस्लिमों के बारे में पूछा जाता है तो उन्हें याद आ जाता है कि पाकिस्तान के नागरिक उनकी प्राथमिकता हैं.

एक अन्य यूजर ने लिखा, इमरान खान डबल स्टैंडर्ड के बेहतरीन उदाहरण है. वह कश्मीर में समस्या देख सकते हैं लेकिन उइगर मुस्लिमों की बात आते ही वह अपनी आंखें मूंद लेते हैं. शर्म करो इमरान.

एक अन्य यूजर ने लिखा, आखिराकर इमरान खान ने माना कि पाकिस्तान के घर में तमाम समस्याएं हैं लेकिन वह इन्हें कब हल करेंगे? जब उइगरों के बारे में पूछा जाता है तो कप्तान कहते हैं कि चीन हमारा सबसे अच्छा दोस्त है. मुस्लिम भाईचारे में चुनिंदा आलोचना क्यों?

पिछले साल तुर्किश इंटरनेशनल न्यूज के साथ इंटरव्यू के दौरान भी उनसे पूछा गया था तो उस वक्त भी इमरान ने यही जबाव दिया था कि उन्हें चीन में मुस्लिमों की स्थिति के बारे में कुछ पता नहीं है.

इमरान खान ने कहा था, मुझे उइगरों के हालात के बारे में ठीक से मालूम नहीं है. पाकिस्तान में सत्ता में आते ही हमारे सामने तमाम मुद्दों से निपटने की चुनौती थी.