नई दिल्ली। गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति की बुधवार को होने वाली बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है। कुछ सदस्यों ने कोरोना वायरस के कारण लागू यात्रा प्रतिबंधों का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी। बैठक की नई तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि सदस्यों के साथ विमर्श के बाद जल्द ही इसका एलान कर दिया जाएगा।
समिति के चेयरमैन और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यह बैठक बुलाई थी और गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सभी सदस्यों को इसके एजेंडे से अवगत करा दिया था। बैठक में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन और राज्यों के साथ समन्वय के मुद्दे पर बातचीत होनी थी।
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि कुछ सदस्यों ने यह कहते हुए बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई कि दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में भेजा जा रहा है। विभिन्न संसदीय समितियों के अध्यक्षों को नियमित बैठक आयोजित करने का अधिकार है। सामान्य तौर पर ये बैठकें संसद भवन में होती हैं।
कांग्रेस ने बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था का उठाया मुद्दा
वहीं, दूसरी ओर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने पर कांग्रेस ने तीखा हमला करते हुए इसे कुप्रबंधन, निराशा भरा और असीम पीड़ा देने वाला साल बताया है। पार्टी ने इस दौरान ‘बेबस लोग, बेरहम सरकार’ का नया नारा भी दिया। साथ ही सरकार के पिछले छह सालों को भ्रांतियों भरा बताते हुए छह भ्रांतियां भी गिनाई। जिसमें बेरोजगारी और खराब अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों को भी प्रमुखता के उठाया।
एक साल पूरा होने पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार के एक साल के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए। वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल शासन के स्तर पर बेहद खराब रहा है। इसके चलते देश को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर नुकसान हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार के काम-काज को नाकामियों से भरा बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सात सालों के कार्यकाल में देश में आज एक ऐसे मुहाने पर खड़ा है, जहां नागरिकों को सरकार ने अनगिनत घाव दिए है। जिन्हें वह सहने के लिए मजबूर भी है।