शशि थरूर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत, मानहानि मामले की सुनवाई पर लगाई रोक

0
86

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए की गई एक टिप्पणी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस नेता व सांसद शशि थरूर को राहत मिल गई है। निचली अदालत द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की पीठ ने थरूर के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है। पीठ ने साथ ही याचिका पर शिकायतकर्ता भाजपा नेता राजीव बब्बर से जवाब मांगा है। याचिका पर नौ दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

शशि थरूर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता विकास पाहवा ने निचली अदालत के 27 अप्रैल 2019 के आदेश को रद करने की मांग की है। जिसके तहत उन्हें आपराधिक मानहानि की शिकायत में आरोपित के रूप में पेश होने का आदेश दिया गया था।

अधिवक्ता गौरव गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में दो नवंबर 2018 की शिकायत को भी रद करने की मांग की गई है। पाहवा ने तर्क दिया कि निचली अदालत का आदेश कानून की दृष्टि से ठीक नहीं है और आपराधिक न्यायशास्त्र के तय सिद्धांतों के खिलाफ है। निचली अदालत ने इस तथ्य को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है कि बब्बर द्वारा की गई शिकायत पूरी तरह से झूठी और तुच्छ है। राजीव बब्बर द्वारा निचली अदालत में थरूर के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी।

राजीव बब्बर ने दावा किया था कि शशि थरूर के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। अक्टूबर 2018 में थरूर अपने एक बयान में दावा किया था कि स्वयं सेवक संघ के एक अज्ञात व्यक्ति ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की तुलना शिव¨लग पर बैठे एक बिच्छू से की थी। थरूर को इस मामले में जून 2019 में निचली अदालत ने जमानत दी थी। राजीव बब्बर ने कहा था कि वे भगवान शिव के भक्त हैं और उक्त बयान देकर शशि थरूर ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।