रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुधवार को नई दिल्ली में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में पेसा कानून लागू किया जाए। पेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी बाहुल क्षेत्र को सरकार ने नगरीय निकाय घोषित कर दिया है। इसको लेकर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र भी लिखा था।
आदिवासियों के अधिकारों को लेकर संवेदनशील राज्यपाल ने अब यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखा है। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, पांचवीं अनुसूची, परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण सहित अन्य विषयों पर चर्चा की। उइके ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या गंभीर है। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने जनजातियों को भूमि विक्रय में होने वाली समस्याओं की पीएम को जानकारी दी। साथ ही इसके समाधान करने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा प्रधानमंत्री वनवासी किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री निश्शुल्क नमक वितरण योजना, केंद्रीय योजनाओं का लाभ, स्थानीय वनवासी युवाओं की शासकीय सेवाओं के वर्ग तीन और चार में भर्ती के लिए जिला संवर्ग के पद की जानकारी दी।
राज्यपाल ने वनवासियों की कृषि भूमि का प्रबंधन, ट्राईफेड का सशक्तिकरण, लघु वनोपजों की खरीदी, व्यक्तिमूलक योजनाओं को बढ़ावा देना, वन संरक्षण अधिनियम की समीक्षा, वनवासी युवाओं को आगे लाने के लिए निश्शुल्क कोचिंग व्यवस्था सहित विभिन्न् बिन्दुओं पर भी चर्चा की।
मात्रात्मक अशुद्धि से पात्रों को नहीं मिल रहा जाति प्रमाणपत्र
उइके ने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन सुधारों का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन की ओर से भेजा जा चुका है। जनगणना महानिदेशक एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने अपनी अनुशंसा भेज दी है। जनजातीय विभाग की ओर से विधेयक प्रस्तुतीकरण एवं पारित कराना शेष है। राज्यपाल ने इस विषय पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया।
परियोजना में जमीन जाने वालों को बनाएं शेयर होल्डर
राज्यपाल ने निजी और सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाली उत्खनन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमिस्वामी को उस परियोजनाओं के लाभांश में शेयर होल्डर बनाने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने भूमि के उपयोग के लिए वार्षिक या मासिक किराया देने के संबंध में भी चर्चा की।
कोरोनाकाल में किए काम की पुस्तिका भेंट की
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को कोरोनाकाल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका पुस्तिका भेंट की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ में वर्षा और कृषि की स्थिति की जानकारी ली। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के चार जिलों चंदौली, कुशीनगर, संत कबीरनगर, संत रविदास नगर को जनजाति जिलों में शामिल करने का भी अनुरोध किया।