नई दिल्ली । सरकार सूचना प्रौद्योगिकी कानून (आइटी एक्ट) में सुधार की तैयारी कर रही है। दो दशक पुराने इस कानून में सुधार के जरिये आधुनिक तकनीक के अनुकूल बनाए जाने की योजना है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि विभाग आइटी एक्ट में सुधार पर विचार कर रहा है। पिछले कुछ समय के दौरान तकनीकी के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। ऐसे में हमारे सामने नई चुनौतियां खड़ी हुई हैं, जिनसे निपटने के लिए कानून में सुधार जरूरी है।
प्रसाद ने कहा है कि आइटी एक्ट में सुधार के दौरान निजता और डाटा सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को ध्यान में रखा जाएगा। कारोबारी जगत से सलाह के लिए एक टीम की नियुक्ति होगी, जिसके सुझावों को कानूनी सुधार में जगह दी जाएगी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के बढ़ते उपयोग का जिक्र करते हुए कहा कि अब ज्यादातर सेवाओं का डिजिटाइजेशन हो रहा है। ऐसे में उभोक्ताओं की संख्या बहुत बढ़ गई है।
प्रसाद के मुताबिक डिजिटल पेमेंट बढ़ने से धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की आशंका भी अधिक हो गई है। ऐसे में चुनौतियों से निपटने के लिए सुधार जरूरी हो गया है। मौजूदा आइटी कानून में साइबर मामलों से निपटने के पर्याप्त उपाय मौजूद नहीं हैं। प्रसाद ने बताया कि साइबर मामलों से निपटने के लिए कानून में विशेष प्रावधान किए जाएंगे।
प्रसाद से मिले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मुलाकात की। करीब 20 मिनट की इस मुलाकात के दौरान भारत में डिजिटल समावेश को लेकर बातचीत हुई। प्रसाद ने बताया कि उन्होंने नडेला के साथ आइटी मामलों को लेकर चर्चा की और माइक्रोसॉफ्ट को डिजिटल विलेज में भाग लेने की सलाह दी। गौरतलब है कि सरकार एक लाख डिजिटल विलेज बनाने की योजना पर कार्य कर रही है।