सीएए, एनआरसी पर ढाका के रुख में बदलाव, श्रृंगला के साथ वार्ता में पीएम हसीना ने नहीं उठाया मुद्दा

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नई दिल्ली। पिछले एक वर्ष से एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दों को लेकर भारत के साथ रिश्तों में तल्खी दिखा रहे बांग्लादेश का मिजाज बदलने का संकेत है। सबसे बड़ा संकेत तो यही है कि ढाका के दौरे पर गये भारतीय विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला के साथ मुलाकात में ना तो पीएम शेख हसीना ने और ना ही वहां के विदेश सचिव मसूद बिन मोमेन के साथ हुई मुलाकात में उक्त मुद्दे को उठाया गया। यही नहीं पीएम हसीना ने जिस तरह से कोविड के बावजूद जिस तरह से बहुत ही कम समय की नोटिस पर भारतीय प्रतिनिधियों से मिलने को तैयार हुई हैं उसे भी नई दिल्ली सकारात्मक तौर पर ले रहा है।

बांग्लादेश की चीन से बढ़ती नजदीकियों को लेकर भारत सतर्क

ढाका के इस संकेत के बावजूद भारत उसकी चीन से बढ़ती नजदीकियों को लेकर सतर्क है और ऐसा कोई भी कदम फिलहाल उठाने से परहेज किया जाएगा जो हसीना सरकार के लिए घरेलू राजनीति में दिक्कतें पैदा करें। लिहाजा ना सिर्फ बांग्लादेश के लिए भारत की मदद की रफ्तार को तेज किया जा रहा है बल्कि उसकी जो भी दूसरी चिंताएं हैं उनका समाधान भी निकाला जा रहा है।

अगले वर्ष पूरी कर ली जाएंगी भारत की मदद से चल रही पांच बड़ी परियोजनाएं

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि भारत की मदद से बांग्लादेश में चलाई जा रही है कई परियोजनाओं में से रामपाल मैत्री पावर प्लांट व भारत-बांग्लादेश फ्रेंडशिप पाइपलाइन के अलावा तीन अहम रेल कनेक्टिविटी परियोनजाओं आखुरा-अगरत्तला, चिलाहाटी-हल्दीबारी और खुलना-मांगला रेल लाइनों का काम अगले वर्ष पूरा हो जाएगा। भारत ने बांग्लादेश से प्रस्ताव किया है कि इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए एक संयुक्त मोनिटरिंग व्यवस्था की जाए।

रामपल मैत्री परियोजना बांग्लादेश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना

बताते चलें कि 1320 मेगावाट की रामपल मैत्री परियोजना बांग्लादेश की सबसे बड़ी बिजली परियोजना होगी और 130 किलोमीटर लंबी फ्रेंडशिप पाइपलाइन परियोजना वहां डीजल की कमी को हमेशा के लिए खत्म करने वाली होगी।

सीएए, एनआरसी पर बांग्लादेश सरकार के रुख में बदलाव

भारतीय संसद ने अगस्त 2019 में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मुहर लगाई थी और उसके बाद से ही बांग्लादेश सरकार के रुख में बदलाव है। पहले पीएम हसीना के कैबिनेट के कई मंत्रियों की भारत यात्रा रद्द कर दी गई और उसके बाद पीएम ने सार्वजनिक तौर पर इसको लेकर अपनी नाखुशी जताई। सीएए के साथ ही एनआरसी लेकर भी बांग्लादेश सरकार को भारत के रुख से ऐतराज था।

सीएए, एनआरसी भारत का आतंरिक मामला है

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश की तरफ इन मुद्दों को नहीं उठाया गया है। वैसे शेख हसीना सरकार के सारे वरिष्ठ लोगों को विस्तार से सीएए व एनआरसी के बारे में बताया गया है कि किस तरह से यह भारत का आतंरिक मामला है और यह किसी भी सूरत में पड़ोसी देशों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाता है। बहरहाल, भारत को उम्मीद है कि जल्द ही दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली संयुक्त आयोग की बैठक के बाद स्थिति और सामान्य हो जाएगी।