नई दिल्ली । देश में तीन हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सभी को मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ना है। शाह ने यह भरोसा भी दिलाया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। लॉकडाउन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद एक के बाद एक ट्वीट में शाह ने कहा कि हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर पूरा प्रयास कर रही है।
उद्धव ने पीएम मोदी से की बात
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने देश व्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रधानमत्री से बात की। उसके बाद सोशल मीडिया पर लाइव संबोधन में उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यक वस्तुओं को जमा करने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि देश में अनाज की कोई कमी नहीं है। उद्धव ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी व्यक्ति के घर से बाहर नहीं निकलने की पीएम की घोषणा से अन्य लोगों की तरह वह भी घबरा गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री से बात करने के बाद उन्हें पता चला कि महाराष्ट्र की तरह ही लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सामान की आपूर्ति बनी रहेगी।
सिब्बल ने आर्थिक पैकेज का उठाया सवाल
कोरोना के खिलाफ जंग में तीन हफ्ते के लॉकआउट के बाद कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से आर्थिक पैकेज के बारे में सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री की प्राथमिकता : केंद्रीय विस्टा के लिए 20,000 करोड़ और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15,000 करोड़ और अभी तक कोई वित्तीय पैकेज नहीं! फाइनेंशियल टास्क फोर्स के बारे में क्या हुआ?’
जरूरतमंदों को मुफ्त राशन मिले : अहमद पटेल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को मुफ्त में राशन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में अहमद पटेल ने दिहाड़ी मजदूरों, किसानों और वंचितों का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा है कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसलिए सरकार से अनुरोध है कि जब तक लॉकडाउन है सभी जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया कराया जाए। उन्होंने पीएम-किसान निधि के तहत किसानों की दी जाने वाली मदद को तीन गुना करने और सभी किश्तों को एक बार में ही भुगतान करने का अनुरोध किया है।