नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से खाली हो रही राज्यसभा की 11 सीटों को लेकर मंगलवार को चुनाव का ऐलान हो गया है। इन सीटों पर चुनाव नौ नंवबर को होगा और परिणाम भी उसी दिन शाम तक घोषित हो जाएगा। वहीं नामांकन की शुरूआत 20 अक्टूबर से होगी, जो 27 अक्टूबर तक किया जा सकेगा। इन सीटों का कार्यकाल 25 नंवबर को खत्म हो रहा है। दोनों राज्यों में राज्यसभा के होने जा रहे चुनावों को संसदीय समीकरणों के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इनसे राज्यसभा में भाजपा की ताकत बढ़ना जहां तय है वहीं विपक्ष और कमजोर होगा। मौजूदा समय में राज्यसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या 86 है। हालांकि जिन खाली हो रहे 11 सीटों पर चुनाव होने जा रहे है, उनमें भी तीन सीटें भाजपा की भी है।
चुनाव आयोग ने दोनों ही राज्यों की राज्यसभा की जिन 11 सीटों पर चुनाव का ऐलान किया है, उनमें से अकेले दस सीटों उत्तर प्रदेश की है, जबकि एक सीट उत्तराखंड की है, जो अभी कांग्रेस के पास है। वहीं उत्तर प्रदेश की जिन दस सीटों पर चुनाव होने जा रहे है, उनमें से चार सीटें अभी समाजवादी पार्टी के पास है, जबकि तीन भाजपा के पास, दो बसपा और एक कांग्रेस के पास है। उत्तर प्रदेश से सपा के उम्मीदवार को भले जिता ले जाए लेकिन बाकी की नौ सीटें भाजपा के पास आएंगी। राज्यसभा की मौजूदा दलगत संख्या पर नजर डालें तो कांग्रेस के पास कुल 40 सीटें है, ऐसे में इन चुनाव के बाद वह और भी कम हो जाएगी। वहीं समाजवादी पार्टी के पास मौजूदा समय में आठ सीटें है, चुनाव बाद संभवत: पांच ही बचेगी। बसपा के पास राज्यसभा में मौजूदा समय में चार सीटें है, जबकि इनमें से दो सीटें खाली हो रही है। जिसे पार्टी के लिए फिर से जीत कर हासिल कर पाना मुश्किल है।
इन सांसदों का खत्म हो रहा कार्यकाल
हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, नीरज शेखर, प्रोफेसर राम गोपाल यादव, डा. चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली खान, रवि प्रकाश वर्मा, पीएल पूनिया, राजाराम, वीर सिंह और राजबब्बर। राज्यसभा के इन सभी 11 सांसदों का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है।