नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ रथयात्रा की अनुमति सरकार में शीर्ष स्तर पर किये गए प्रयासों का परिणाम है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रथयात्रा के लिए कोई सकारात्मक हल निकलने की कोशिशों से जुड़े रहे और इसकी कमान गृहमंत्री अमित शाह को सौंपी। खुद अमित शाह ने ट्वीट कर बताया कि कैसे उन्होंने पीएम के कहने पर पुरी के राजा, शंकराचार्य और सालिसीटर जनरल से बात की। जाहिर है कि ओडिशा से आने वाले पेट्रोलियम व स्टील मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रथयात्रा की अनुमति मिलने के लिए शाह और मोदी का आभार जताया। वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए देशवासियों को बधाई दी।
मोदी के निर्देश पर शाह ने पुरी के राजा, शंकराचार्य और सालिसीटर जनरल से की बात
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए हर्ष की बात बताते हुए अमित शाह ने बताया कि खुद प्रधानमंत्री ने रथयात्रा रोक लगने से दुखी श्रद्धालुओं की भावनाओं को समझा और इस महान परंपरा को कायम रखने के लिए किसी सकारात्मक हल निकलाने की पहल शुरू की। प्रधानमंत्री की सलाह पर ही अमित शाह ने रविवार की शाम पुरी के राजा गजपति महाराज और पुरी के शंकराचार्य से विचार-विमर्श किया और बाद में प्रधानमंत्री को उनकी भावनाओं के बारे में बताया। यही नहीं, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर अमित शाह से खुद सालिसीटर जनरल से बात करने को कहा। सोमवार की सुबह शाह और सालिसीटर जनरल से काफी देर तक विचार-विमर्श किया।
धर्मेद्र प्रधान ने पीएम और गृहमंत्री का जताया आभार
अमित शाह ने कहा कि सालिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट के वैकेशन बेंच के सामने मामले की गंभीरता और महत्ता को रखा। अमित शाह ने जय जगन्नाथ के साथ ट्वीट को समाप्त करते हुए फैसले के लिए ओडिशा के लोगों को बधाई दी। पुरी रथयात्रा को रोक हटाने को लेकर प्रयास कर रहे धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि इस महान व पवित्र परंपरा के कायम रखकर ओडिशा वासियों के साथ-साथ पूरे विश्व में फैले भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों की श्रद्धा का ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा महज त्यौहार नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की भक्ति और श्रद्धा से भी जुड़ा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को श्री जगन्नाथ पुरी रथयात्रा को लेकर सुनवाई की। तीन सदस्यीय खंडपीठ में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल थे। इसमें शीर्ष कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ ओडिशा के सिर्फ पुरी में रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दी है।