असम में कांग्रेस पर बरसे गृह मंत्री अमित शाह, किया घुसपैठ मुक्त, बाढ़ मुक्त असम का वादा, जानें क्‍या कहा

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नलबाड़ी ( असम)। असम में दोबारा सत्ता वापसी के लिए कमर कस रही भाजपा संभवत: मार्च में होने वाली चुनाव घोषणा से पूर्व केंद्रीय नेतृत्व की सात आठ रैलियां कर दिशा तय कर लेना चाहती है। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली के साथ इसकी शुरुआत हो गई। इस बार चुनाव में भाजपा अलगाववाद से लंबे समय तक ग्रस्त रहे असम में पिछले पांच साल में हुई शांति बहाली और विकास कार्यों के साथ-साथ अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को मुद्दा बनाएगी।

कांग्रेस सत्‍ता में आई तो घुसपैठियों ही हो जाएगी चांदी

शाह ने इसके साफ संकेत देते हुए कहा कि कांग्रेस और बदरूद्दीन अजमल यदि सत्ता में आए तो बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए असम के दरवाजे खोल देंगे। शाह ने कहा कि बाढ़ असम की सबसे बड़ी समस्या है और यदि भाजपा फिर से सत्ता में आई तो अगले पांच साल में असम को बाढ़ मुक्त बना दिया जाएगा।

घुसपैठ की समस्या को लेकर चेताया

आगामी विधानसभा चुनाव के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए शाह ने लोगों को बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या के प्रति आगाह किया। उनके अनुसार घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की कोशिशें जारी हैं। इसके लिए केंद्र और असम दोनों जगहों पर भाजपा का सत्ता में रहना जरूरी है।

बेहद महत्‍वपूर्ण है यह चुनाव

ध्यान देने की बात है कि कांग्रेस ने असम में बदरूद्दीन अजमल के ऑल इंडिया यूनाटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ समझौता करने का एलान किया है। लगभग 33 फीसद मुस्लिम आबादी वाले असम के चुनाव में यह अहम साबित हो सकता है। जाहिर है इसे देखते हुए भाजपा भी हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश करेगी। यह भी याद रहे कि असम एनआरसी का केंद्र बिंदु था।

दो रैलियों को संबोधित किया

शनिवार को शिवसागर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक लाख भूमिहीनों को पट्टा वितरण के अगले ही दिन रविवार को अमित शाह ने दो रैलियों को संबोधित किया। पहली रैली कोकराझार में बोडो समझौते के एक साल पूरा होने के अवसर पर थी और गृह मंत्री के रूप में शाह उसमें शामिल हुए। वहीं दूसरी रैली पूरी राजनीतिक थी जिसका आयोजन असम भाजपा ने किया था।

हिंसा के लिए कांग्रेस को ठहराया जिम्‍मेदार

कोकराझार में गृह मंत्री ने कहा कि मोदी की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर से उग्रवाद खत्म हुआ। उन्होंने बोडो समेत असम के विभिन्न इलाकों में अलगाववाद और हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। शाह ने कहा कि पिछले साल हुए बोडो समझौते के बाद यहां बोडो टेरोटेरियल काउंसिल का चुनाव भी शांतिपूर्वक संपन्न हो गया जबकि कांग्रेस बांटो और राज करो की नीति अपनाकर विभिन्न वर्गों और समुदायों को आपस में लड़ाने का काम करती रही।

युवाओं की मौत के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार

शाह ने कहा कि कांग्रेस की साजिश के कारण ही हजारों युवाओं की जान चली गई। इन युवाओं की मौत के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में आठ अलगाववादी संगठनों ने हथियार डालकर शांति का रास्ता अपनाया है। इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की ओर से किए गए विकास कार्यों का विवरण भी दिया। शाह ने कहा कि बोडो समुदाय की संस्कृति, भाषा और उनके राजनीतिक अधिकारों को सुरक्षित रखा जाएगा।