गुवाहाटी. नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) लंबी बहस और विरोध के बावजूद सोमवार देर रात लोकसभा से पास हो गया. अब इस बिल को राज्यसभा में पेश करने की तैयारी की जा रही है. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का गुस्सा अब कई तरह से सामने आ रहा है. नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (NESO) और ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) ने मंगलवार सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक 12 घंटे का बंद बुलाया है. NESO को 16 संगठनों और कई राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है. इस दौरान शहर के स्कूल, कॉलेज, बाज़ार और दुकानें बंद रहेंगे.
असम के कई शहरों में सड़कों पर उतरे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इससे पहले नगरिकता बिल के खिलाफ मशाल जुलूस निकालकर अपना विरोध जताया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोग “RSS और BJP गो-बैक” के नारे लगा रहे हैं. वहीं स्थानीय कलाकार, लेखक, बुद्धिजीवी समाज और विपक्षी दलों के लोग अलग-अलग तरीकों से अपना विरोध जता रहे हैं. लोगों ने नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. वहीं, सांकेतिक पुतला भी जलाया गया.
असम के 6 समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (AMSU) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ. सोमवार सुबह पांच बजे बंद की शुरुआत के बाद लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, मोरिगांव, बोंगाइगांव, उदलगुड़ी, कोकराझार और बक्सा जिले में सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और नेशनल हाइवे को ब्लॉक किया.
बंद के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कई पर्यटक फंस गए. उन्हें गुवाहाटी ले जाने के लिए कोई सार्वजनिक परिवहन नहीं था. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में पुलिस ने लाठियां चलायी. लंबी दूरी की कुछ बसें पुलिस पहरे में चलीं.
असम में क्यों हो रहा विरोध?
दरअसल, पूर्वोत्तर राज्यों के स्वदेशी लोगों का एक बड़ा वर्ग इस बात से डरा हुआ है कि नागरिकता बिल के कानून बन जाने से जिन शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी उनसे इन लोगों की पहचान, भाषा और संस्कृति खतरे में पड़ जाएगी.
PROTESTभारत के पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों का गुस्सा अब कई तरह से सामने आ रहा है.
कोलकाता में भी हुआ विरोध
नागरिकता संशोधन बिल का पश्चिम बंगाल में भी विरोध हो रहा है. कोलकाता में सोमवार शाम को इस बिल के खिलाफ टीएमसी ने मार्च निकाला. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसी भी कीमत पर विभाजनकारी विधेयक का विरोध करेंगी. उन्होंने कहा कि देश के किसी भी नागरिक का दर्जा घटाकर शरणार्थी का करने नहीं दिया जाएगा.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने खड़गपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी और नागरिकता विधेयक को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. हम इसे बंगाल में नहीं होने देंगे.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘इस देश का एक भी नागरिक, शरणार्थी नहीं बनेगा. कुछ लोग राजनीतिक बयानबाजी से दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक चीज साफ कर दूं कि बंगाल में एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक नहीं चलेगा. जाति और धर्म के आधार पर एनआरसी या नागरिकता संशोधन बिल लागू नहीं कर सकते.’