मांगे नहीं पूरी होने से बिफरे चिकित्सक शिक्षक, कहा विभाग में ब्यूरोक्रेसी हावी
जबलपुर। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में ब्यूराक्रेसी इन दिनों हावी हो गई है। जिसके चलते हम चिकित्सक शिक्षकों की मांगे मुख्यमंत्री कमलनाथ तक नहीं पहुंच रही है। यदि ऐसा ही रवैया हमारे प्रति रहेगा तो हम चिकित्सक शिक्षक एक साथ सामुहिक इस्तीफा दे देंगे। यह बात मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश की सेंट्रल कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल व एमटीए के सदस्यों ने होटल वेगा में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों को दी। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार से हर माध्यम से चर्चा करने का प्रयास कर चुके हैं, लेकिन सरकार के पास हमारे लिए समय नहीं है।
कांफ्रेस में एमटीए जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. अश्विनी पाठक व डॉ. दीपक बरकडे ने मांगों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सेंट्रल कमेटी ने अपनी प्रमुख दो मांगों जिनमें पहली 7 वां वेतनमान 1-1-2016 से एनपीए के साथ। दूसरी विभागीय समयबद्ध उच्चतर वेतनमान डेमोंस्ट्रेटर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसो. प्रोफेसर और प्रोफेसर के लिए के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए एक महीने के आश्वासन के बाद भी अभी तक पूरी
नहीं होना बताया है। मांगों के पूरे न होने व चिकित्सक शिक्षकों के प्रति इस तरह की अनदेखी का रवैए को लेकर मेडिकल टीचर्स बहुत दुखी और नाराज हैं इसको लेकर सेंट्रल कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि शासन को और 1 महीने समय देती है और इसके बाद 9 जनवरी को 13 मेडिकल कॉलेज के सभी 3300 चिकित्सा शिक्षक शासन के समक्ष सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे। डॉ. पाठक ने बताया कि शनिवार को जबलपुर में सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (13 मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधि) की बैठक हुई। इस बैठक में सेंट्रल कमेटी के सभी 13 मेडिकल कॉलेज से आए प्रतिनिधियों ने नए पदाधकारियों का चयन किया गया जिसमें डॉ. संजीव गौर संरक्षक, डॉ. सुनील अग्रवाल अध्यक्ष, डॉ. अश्विनी पाठक और डॉ. पूनम माथुर उपाध्यक्ष, डॉ. राकेश मालवीय सचिव, डॉ. गीता गुइन और डॉ. अमित यादव सह सचिव, डॉ. राहुल रोकड़े कोषाध्यक्ष का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। सेंट्रल कमेटी ने आधिकारिक रूप से अपनी कानूनी मुद्दों के निराकरण के लिए अधिवक्ता को नियुक्त कर लिया गया है। प्रेस कांफ्रेस में एमटीए के सदस्य भी उपस्थित थे।