इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया है। गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) समापन पर उन्होंने कहा कि हम परेशान हैं कि ऐसी फिल्म इस समारोह में दिखाई गई। यह फिल्म बेहद वल्गर है। लैपिड के जूरी हेड हैं। हालांकि, लैपिड के बयान पर इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने उन्हें फटकार लगाई है। गिलोन ने बयान पर खेद जताते हुए कहा कि मुझे आपके बयान पर शर्म आती है।
फिल्म फेस्टिवल में लैपिड जब यह बात कह रहे थे तब गिलोन, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे। लैपिड के बयान पर अभिनेता अनुपम खेर और फिल्म मेकर अशोक पंडित ने विरोध जताया है। खेर ने कहा कि सदबुद्धि दे भगवान दे। पंडित ने कहा कि कश्मीर फाइल्स को अश्लील नहीं कहा जा सकता है। उधर फिल्म फेस्टिवल की जूरी ने भी इस बयान से दूरी बना ली है। जूरी ने कहा कि यह लैपिड की निजी राय है।
नदाव लैपिड इज़राइली फिल्म मेकर, डॉयरेक्टर और स्क्रीन राइटर हैं। IFFI के इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन के जूरी अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने फिल्म स्य्नोन्य्म्स (Synonyms) के लिए 2019 में बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था।
खबर को आगे पढ़ने से पहले जान लीजिए लैपिड ने कहा क्या है…
”द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।
इस समारोह में हमने डेब्यू कॉम्पिटिशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं। 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स से हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।”
अनुपम बोले- झूठ सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा होता है..
अनुपम खेर ने कहा कि यदि कश्मीर में हुआ ये प्रलय सही है, तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है। टूलकिट गैंग एक बार फिर एक्टिव हो गया है । यह पूरी तरह से प्री-प्लांड लगता है। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें। इससे पहले सोमवार की रात एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने फिल्म से जुड़ी कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं, जिसमें उन्होंने लिखा-
झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो.. सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है..
अशोक पंडित बोले- लैपिड की भाषा से आपत्ति
लैपिड का यह बयान सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। उनके इस बयान की कई लोगों ने निंदा की है। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने कहा कि फिल्म के लिए इस्तेमाल की गई लैपिड की इस भाषा पर मुझे कड़ी आपत्ति है। 3 लाख कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करना अश्लील नहीं कहा जा सकता। मैं एक कश्मीरी पंडित के रूप में इस बेशर्म बयान की निंदा करता हूं।
अशोक पंडित फिल्म मेकर हैं। उन्होंने ही ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ और ‘द चार्जशीट’ फिल्म बनाई है।
एक्टर दर्शन बोले- फिल्म अश्लीलता पर नहीं, वास्तविकता पर है
एक्टर दर्शन कुमार ने भी फिल्म में अहम किरदार निभाया है। लैपिड के बयान पर उन्होंने कहा कि किसी भी फिल्म को देखने के बाद हर व्यक्ति की अपनी राय होती है। लेकिन इस फैक्ट से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कश्मीर फाइल्स एक ऐसी फिल्म है, जिसमें कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा के बारे में बताया गया है। ये लोग अभी भी आतंकवाद के खिलाफ न्याय के लिए लड़ रहे हैं। इसलिए यह फिल्म अश्लीलता पर नहीं, बल्कि वास्तविकता पर है।
फिल्म में दर्शन कुमार ने अहम किरदार निभाया है। उन्होंने कहा कि फिल्म अश्लीलता पर नहीं, बल्कि वास्तविकता पर है।
कश्मीरी हिंदुओं की दर्दनाक कहानी
11 मार्च 2022 को रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में हुए कश्मीर विद्रोह पर आधारित है। फिल्म में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन और नरसंहार दर्दनाक की कहानी को दर्शाया गया है। अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे स्टार्स ने लीड रोल निभाया है। कश्मीर फाइल्स ने अच्छा कारोबार किया था। इसने बॉक्स ऑफिस पर 290 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी।
PM मोदी ने फिल्म की तारीफ की थी
प्रधानमंत्री मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक में फिल्म की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए। इनसे सच उजागर होता है। फिल्म में जो दिखाया गया है, कश्मीर के उस सच को दबाने की कोशिश की जाती रही है। सब फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करते हैं। इस देश में इमरजेंसी जैसी बड़ी घटना हुई, लेकिन इस पर कोई फिल्म नहीं बनीं। क्योंकि सत्य को बताने का लगातार प्रयास नहीं हुआ।
कश्मीर फाइल्स की भाजपा नेताओं ने खूब तारीफ की थी। देश के कई राज्यों में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया था।
कश्मीर फाइल्स को इन देशों ने बैन किया
1. न्यूजीलैंड में फिल्म पर प्रतिबंध लगा
फिल्म की न्यूजीलैंड में बैन कर दिया गया है। पहले फिल्म को A सर्टिफिकेट के साथ रिलीज की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन मुस्लिम समुदाय की मांग पर हुई समीक्षा के बाद सेंसर बोर्ड ने फिल्म पर रोक लगाने का फैसला किया था।
2. सिंगापुर में भी बैन हुई थी
विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म सिंगापुर में रिलीज होने वाली थी, लेकिन वहां के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को बैन कर दिया था। इस खबर के आने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विवेक और भाजपा पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि फिल्म में मुसलमानों की गलत इमेज होने और कश्मीर में चल रहे संघर्ष में हिंदुओं को सताए जाने का एकतरफा पोर्ट्रेयल है। यह फिल्म कई कम्युनिटी के बीच दुश्मनी पैदा करने और भाईचारे को नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती है।
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1. 700 चश्मदीद पीड़ितों के इंटरव्यू से 4 सालों में तैयार हुई फिल्म
डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री ने बताया है कि फिल्म को तैयार करने के लिए 5 हजार घंटों की रिसर्च की गई थी। लगभग 15 हजार पेज के अलग-अलग डॉक्यूमेंट इकट्ठा किए गए थे, जिनमें से कश्मीरी पंडितों से जुड़ी सभी जानकारियां मिल सकी थीं।
2. द कश्मीर फाइल्स के लीड नायक की रियल स्टोरी जानिए
द कश्मीर फाइल्स की स्टोरी जिस रील किरदार के चारों तरफ घूमती है, उसकी असल कहानी फिल्म से भी ज्यादा खौफनाक और रोंगटे खड़े करने वाली है। ड्रम में छिपे जिस शख्स की हत्या हुई, उसका नाम बाल कृष्ण था।